पूरे भारत में लोग आम की खेती करके बन रहे अमीर – जानिए कैसे करें आम की खेती और कमाएं लाखों!
भारत में आम को “फलों का राजा” कहा जाता है, और इसकी खेती एक लाभदायक व्यवसाय बनती जा रही है। कई किसान पारंपरिक खेती छोड़कर आम की बागवानी को अपना रहे हैं और लाखों रुपये कमा रहे हैं। अगर आप भी आम की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो यह गाइड आपके लिए है:
🍋 1. आम की खेती क्यों है फायदेमंद?
- बाजार में अधिक मांग – भारत ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय आमों की भारी डिमांड है।
- लंबे समय तक उत्पादन – एक बार आम का पेड़ तैयार हो जाए, तो 35-40 साल तक फल देता है।
- कम लागत, अधिक मुनाफा – एक एकड़ में 80-100 पेड़ लगाकर लाखों की कमाई संभव है।
- प्रोसेसिंग उद्योग में उपयोग – आम से आम पल्प, अचार, जैम, आम पापड़ जैसे उत्पाद बनते हैं।
🌱 2. आम की किस्में जो सबसे ज्यादा कमाई देती हैं
किस्म का नाम | विशेषता | फल देने का समय |
---|---|---|
अल्फांसो (हापुस) | निर्यात में टॉप | अप्रैल–मई |
दशहरी | उत्तर भारत में प्रसिद्ध | जून |
केसर | मिठास और रंग | मई–जून |
लंगड़ा | उत्तर भारत में अधिक मांग | जून–जुलाई |
अम्रपाली | छोटे किसान के लिए सही | जुलाई |
🧑🌾 3. आम की खेती कैसे शुरू करें?
3.1 ज़मीन का चयन
- हल्की, जलनिकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
- pH स्तर 6.0 – 7.5 के बीच होना चाहिए।
3.2 पौधारोपण
- 10×10 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं।
- एक एकड़ में लगभग 80–100 पौधे लगाए जा सकते हैं।
3.3 उर्वरक और खाद
वर्ष | गोबर खाद | यूरिया | फॉस्फेट | पोटाश |
---|---|---|---|---|
पहले साल | 10-15 kg | 100g | 150g | 100g |
5वें साल से | 40-50 kg | 500g | 500g | 300g |
3.4 सिंचाई
- गर्मी में 7–10 दिन के अंतराल पर।
- टपक सिंचाई (Drip Irrigation) सबसे उपयुक्त और जल-संरक्षण में मददगार।
🛡️ 4. आम की फसल को कीट और रोगों से कैसे बचाएं?
रोग का नाम | लक्षण | उपाय |
---|---|---|
एन्थ्रेक्नोज | पत्तियों और फल पर काले धब्बे | कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव |
मिली बग | तनों पर सफेद कीट | नीम तेल या इमिडाक्लोप्रिड |
फल गिरना | अपरिपक्व फल गिरना | बोरॉन और जिंक का स्प्रे |
💰 5. एक एकड़ आम बाग का खर्च और मुनाफा
खर्च का प्रकार | अनुमानित लागत (1 एकड़) |
---|---|
पौधे खरीदना | ₹8,000 – ₹12,000 |
गड्ढे की खुदाई और रोपण | ₹5,000 – ₹7,000 |
खाद और उर्वरक | ₹4,000 – ₹6,000 |
सिंचाई व्यवस्था | ₹10,000 (टपक) |
देखभाल (3 साल) | ₹15,000 – ₹20,000 |
👉 कुल लागत (3 साल) = ₹40,000 – ₹50,000
👉 उत्पादन शुरू होने के बाद – एक पेड़ से 100–300 आम तक
👉 कमाई (5वें साल से) = ₹1.5 लाख – ₹3 लाख प्रति एकड़ प्रति वर्ष
🌍 6. भारत में सफल आम किसान की कहानी
राजेश पाटिल, महाराष्ट्र –
10 एकड़ ज़मीन में अल्फांसो आम की खेती कर हर साल ₹30–40 लाख कमा रहे हैं। उन्होंने टपक सिंचाई और जैविक खाद अपनाई, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता और निर्यात दर दोनों बढ़ी।
🚜 7. कैसे बेचें आम और बढ़ाएं मुनाफा?
- स्थानीय मंडी में थोक बिक्री
- फार्म गेट सेलिंग – डायरेक्ट ग्राहक को बेचना
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म – Flipkart, Amazon, BigBasket आदि पर रजिस्ट्रेशन
- आम उत्पादों की प्रोसेसिंग – आम अचार, स्क्वैश, जैम बनाकर अतिरिक्त आय
📌 8. सरकार की योजनाएं और सब्सिडी
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन – पौधारोपण, टपक सिंचाई आदि पर 40–60% सब्सिडी
- PM FME योजना – फलों की प्रोसेसिंग यूनिट पर सब्सिडी
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) – सस्ते ब्याज पर लोन सुविधा
📞 9. कहां से लें पौधे और जानकारी?
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) – हर जिले में मौजूद
- राज्य बागवानी विभाग – प्रमाणित नर्सरी की जानकारी
- ICAR-CISH (लखनऊ) – आम की वैज्ञानिक खेती पर रिसर्च
✅ निष्कर्ष
अगर आप कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं और आपके पास थोड़ी भी ज़मीन है, तो आम की खेती एक बेहतरीन विकल्प है। भारत के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, और आम की खेती से हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं।
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आम की खेती कैसे करें?
आम को “फलों का राजा” कहा जाता है और भारत में इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। नीचे आम की खेती का स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दिया गया है:
1. जलवायु और मिट्टी
- जलवायु: आम की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण जलवायु उपयुक्त है। तापमान 24°C से 27°C और वार्षिक वर्षा 75-250 cm होनी चाहिए।
- मिट्टी: दोमट मिट्टी (pH 5.5–7.5) सबसे अच्छी होती है। जल निकासी वाली मिट्टी जरूरी है।
2. उन्नत किस्में
- देशी किस्में: अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, केसर।
- संकर किस्में: अम्रपाली, मल्लिका, अरुणिका, पूसा सूर्या।
3. पौधे लगाने की विधि
- समय: जुलाई-अगस्त (वर्षा ऋतु) या फरवरी-मार्च।
- दूरी: पौधों के बीच 10–12 मीटर का अंतर (पारंपरिक किस्में) और 5–6 मीटर (संकर किस्में)।
- गड्ढे: 1×1×1 मीटर आकार के गड्ढे खोदें और उनमें गोबर खाद + टॉप सॉयल मिलाएं।
4. सिंचाई और खाद
- सिंचाई: गर्मियों में 10–15 दिन के अंतराल पर और सर्दियों में 20–25 दिन में।
- खाद: प्रति पेड़ 50–60 kg गोबर खाद + 500 gm यूरिया + 750 gm सुपर फॉस्फेट + 250 gm MOP।
5. कीट और रोग प्रबंधन
- प्रमुख कीट: फल मक्खी, मिलीबग, थ्रिप्स।
- रोग: एन्थ्रेक्नोज, पाउडरी मिल्ड्यू।
- उपाय: नीम आधारित कीटनाशक, फफूंदनाशक (कार्बेंडाजिम) और समय पर छँटाई।
6. कटाई और मार्केटिंग
- कटाई का समय: अप्रैल-जुलाई (किस्म के अनुसार)।
- मार्केटिंग: APMC मंडियों, निर्यात, या सीधे प्रोसेसिंग इकाइयों को बेचें।
आम (मैंगो) को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है और यह भारत में सबसे लोकप्रिय और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फलों में से एक है। भारत विश्व में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, और इसकी खेती से कई किसान समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। यदि आप भी आम की खेती करके लाभ कमाना चाहते हैं, तो इस विस्तृत मार्गदर्शिका में हम आपको आम की खेती के प्रत्येक चरण की जानकारी प्रदान करेंगे।

1. जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएं
जलवायु: आम की खेती के लिए उष्ण और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। आम के पेड़ समुद्र तल से 600 मीटर की ऊंचाई तक सफलतापूर्वक उगाए जा सकते हैं। फूल आने और फल बनने के दौरान शुष्क मौसम आवश्यक है, जबकि अत्यधिक वर्षा और तेज़ हवाएं फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मिट्टी: आम के लिए गहरी, उपजाऊ, और अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अत्यधिक क्षारीय, पथरीली, या जलभराव वाली मिट्टी आम की खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती।
2. उन्नत किस्मों का चयन
आम की कई उन्नत किस्में हैं, जिन्हें उनकी गुणवत्ता, स्वाद, और उत्पादन क्षमता के आधार पर चुना जा सकता है। कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं:
- अल्फांसो: महाराष्ट्र और गुजरात में लोकप्रिय, यह किस्म अपने उत्कृष्ट स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है।
- केसर: गुजरात की यह किस्म अपने मीठे स्वाद और केसरिया रंग के लिए प्रसिद्ध है।
- दशहरी: उत्तर प्रदेश में प्रचलित, यह किस्म अपनी मिठास और पतले छिलके के लिए जानी जाती है।
- लंगड़ा: बनारस की यह किस्म अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर है।
- तोतापुरी: आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में उगाई जाने वाली यह किस्म अचार और प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त है।
3. भूमि की तैयारी
आम के बगीचे की स्थापना से पहले भूमि की सही तैयारी आवश्यक है:
- जुताई: भूमि की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और जल निकासी में सुधार हो।
- गड्ढों की खुदाई: 5 मीटर x 5 मीटर की दूरी पर 1 मीटर चौड़े और 1 मीटर गहरे गड्ढे तैयार करें।
- उर्वरक का प्रयोग: प्रत्येक गड्ढे में 25 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 1 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट, और 1 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
4. पौधों की रोपाई
- समय: मानसून की शुरुआत (जून-जुलाई) रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
- विधि: तैयार गड्ढों में स्वस्थ और प्रमाणित नर्सरी से प्राप्त पौधों की रोपाई करें। रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें।
5. सिंचाई प्रबंधन
- शुरुआती वर्ष: पहले वर्ष में 7-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
- स्थापित पेड़: स्थापित पेड़ों को 2-3 सप्ताह के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है, विशेषकर फूल आने और फल बनने के समय।
- वर्षा ऋतु: वर्षा के मौसम में अतिरिक्त सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती।
6. खाद और उर्वरक प्रबंधन
आम के पेड़ों की स्वस्थ वृद्धि और उच्च उत्पादन के लिए उचित पोषक तत्व आवश्यक हैं:
- प्रति वर्ष प्रति पेड़:
- नाइट्रोजन (N): 500 ग्राम
- फॉस्फोरस (P₂O₅): 200 ग्राम
- पोटाश (K₂O): 300 ग्राम
- खाद का समय: उर्वरकों को दो भागों में विभाजित करें – एक भाग मानसून की शुरुआत में और दूसरा भाग फल बनने के समय दें।
7. खरपतवार नियंत्रण
- नियमित निराई-गुड़ाई: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर निराई करें।
- मल्चिंग: पेड़ों के आधार के चारों ओर सूखी घास या प्लास्टिक शीट बिछाकर नमी संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है।
8. रोग और कीट प्रबंधन
आम के पेड़ों में कुछ सामान्य रोग और कीट होते हैं:
- पाउडरी मिल्ड्यू: पत्तियों पर सफेद चूर्ण जैसा दिखता है। सल्फर आधारित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
- एंथ्रेक्नोज़: फलों और पत्तियों पर काले धब्बे बनते हैं। कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव प्रभावी होता है।
- मैंगो हॉपर: ये कीट फूलों और नई पत्तियों का रस चूसते हैं। सिस्टमिक कीटनाशकों का उपयोग करें।
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9. फल तुड़ाई और भंडारण
- तुड़ाई का समय: फल पूरी तरह विकसित होने पर लेकिन पूरी तरह पके बिना तोड़े जाते हैं।
FAQs (हिंदी में)
प्रश्न | उत्तर |
---|---|
1. आम की खेती के लिए सबसे अच्छा समय क्या है? | जुलाई-अगस्त (वर्षा ऋतु) या फरवरी-मार्च। |
2. एक एकड़ में कितने पौधे लगाए जा सकते हैं? | पारंपरिक किस्में: 40–50 पेड़, संकर किस्में: 100–120 पेड़। |
3. आम के पेड़ से कितनी उपज मिलती है? | पक्के पेड़ से 80–100 kg/वर्ष (दशहरी), 150–200 kg/वर्ष (अम्रपाली)। |
4. आम की खेती में कितना निवेश चाहिए? | शुरुआती 5 साल में ₹30,000–50,000/एकड़ प्रति वर्ष। |
5. जैविक खेती कैसे करें? | गोबर खाद, नीम केक, और जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। |
6. फल मक्खी से कैसे बचाएँ? | फेरोमोन ट्रैप और पके फलों को तुरंत हटाएँ। |
7. पहली फसल कब तक मिलती है? | पौध रोपण के 3–5 साल बाद। |
8. आम बेचने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है? | स्थानीय मंडी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (उदाहरण: Ninjacart), या निर्यातकों से जुड़ें। |
9. सरकारी योजनाएँ क्या हैं? | राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) और PMKSY से सब्सिडी उपलब्ध। |
10. आम के प्रमुख रोग कौन से हैं? | एन्थ्रेक्नोज (पत्तियों पर काले धब्बे) और पाउडरी मिल्ड्यू (सफेद पाउडर)। |
आम की प्रमुख किस्मों की तुलना (टेबल)
किस्म | औसत उपज (प्रति पेड़/वर्ष) | कटाई का समय | विशेषताएँ |
---|---|---|---|
अल्फांसो | 70–90 kg | मई-जून | निर्यात के लिए उत्तम, मीठा |
दशहरी | 80–100 kg | जून-जुलाई | रेशेदार, अच्छी सुगंध |
अम्रपाली | 150–200 kg | जुलाई | संकर किस्म, घने पेड़ |
लंगड़ा | 60–80 kg | जुलाई | गुठली छोटी, रसीला |
केसर | 100–120 kg | मई-जून | गुजरात की प्रसिद्ध किस्म |
लाभ कैसे कमाएँ?
- उन्नत किस्में चुनें: अम्रपाली या केसर जैसी संकर किस्में जल्दी फल देती हैं।
- मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई: पानी की बचत करें।
- प्रोसेसिंग: आम के अचार, जूस या पल्प बेचकर अतिरिक्त आय।
- निर्यात: UAE, यूरोप जैसे बाजारों में प्रीमियम कीमत पाएँ।
आम की खेती में सफलता के लिए वैज्ञानिक तकनीक और बाजार की मांग को समझना जरूरी है। सही प्रबंधन से 4–5 साल में ₹5–10 लाख प्रति एकड़ तक का मुनाफा संभव है! 🌱🥭